Shayari, Sher O Shayari, Emotional Shayari

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Insaan Kho Gaye Hain - Hindi Shayari

जाने क्यूं अब शर्म से,चेहरे गुलाब नही होते।
जाने क्यूं अब मस्त मौला मिजाज नही होते।

पहले बता दिया करते थे, दिल की बातें।
जाने क्यूं अब चेहरे, खुली किताब नही होते।

सुना है बिन कहे दिल की बात समझ लेते थे।
गले लगते ही दोस्त हालात समझ लेते थे।

तब ना फेस बुक ना स्मार्ट मोबाइल था ना फेसबुक
ना ट्विटर अकाउंट था एक चिट्टी से ही दिलों के जज्बात समझ लेते थे।

सोचता हूं हम कहां से कहां आ गये,
प्रेक्टीकली सोचते सोचते भावनाओं को खा गये।

अब भाई भाई से समस्या का समाधान कहां पूछता है
अब बेटा बाप से उलझनों का निदान कहां पूछता है
बेटी नही पूछती मां से गृहस्थी के सलीके
अब कौन गुरु के चरणों में बैठकर ज्ञान की परिभाषा सीखे।

परियों की बातें अब किसे भाती है
अपनो की याद अब किसे रुलाती है
अब कौन गरीब को सखा बताता है
अब कहां कृष्ण सुदामा को गले लगाता है

जिन्दगी मे हम प्रेक्टिकल हो गये है
मशीन बन गये है सब, इंसान जाने कहां खो गये है!
इंसान जाने कहां खो गये है.







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Shayari, Sher O Shayari, Emotional Shayari Shayari, Sher O Shayari, Emotional Shayari Reviewed by Rupam Roy on May 28, 2018 Rating: 5

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